ख़रीदने की वजहें
1) 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा
सेल्फी का शौक किसे नहीं है। स्मार्टफोन खरीदने से पहले ग्राहक फ्रंट कैमरा सेंसर के बारे में ज़रूर जानना चाहते हैं। आपको बता दें कि यह हैंडसेट 16 मेगापिक्सल के फ्रंट कैमरे से लैस है। ध्यान रहे कि सिर्फ मेगापिक्सल के आधार पर आप कैमरे की परफॉर्मेंस तय नहीं कर सकते। लेकिन पहली नज़र में आंकने का यही एक मात्र पैमाना होता है।
2) आईफोन नहीं हुआ तो क्या…
ओप्पो का एफ1 प्लस दिखने में बेहतरीन है। इसका हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बहुत हद तक ऐप्पल के आईफोन और आईओएस जैसा है। अब आईफोन से आधी कीमत में आपको ऐप्पल के फ्लैगशिप फोन का एहसास मिले तो इसमें बुराई क्या है।
3) बिल्ड और डिजाइन
एफ1 प्लस की बिल्ड क्वालिटी बेहतरीन है और इसका डिजाइन भी आपको अच्छा लगेगा। यह स्लिम है और वज़न भी कम है। फिंगरप्रिंट सेंसर तेजी से काम करता है। डिस्प्ले वाइब्रेंट है और बैटरी लाइफ आपको निराश नहीं करेगी।
4) इसमें है 4 जीबी रैम
आज की तारीख में मोबाइल फोन यूज़र को मल्टीटास्किंग की लत लग चुकी है। इस हैंडसेट में आपको 4 जीबी रैम मिलेगा, यानी मल्टीटास्किंग के दौरान परफॉर्मेंस खराब होने की उम्मीद बेहद कम है।
नहीं खरीदने की वजहें
1) कीमत
एफ1 प्लस की कीमत थोड़ा ज्यादा है। हमने रिव्यू के दौरान के पाया कि इसकी कमियों को ध्यान में रखा जाए तो कीमत और कम होनी चाहिए थी। 26,990 रुपये में आपको और कई विकल्प मिल जाएंगे।
2) सेल्फी कैमरे से थी और उम्मीदें
भले ही कंपनी ने इस हैंडसेट में 16 मेगापिक्सल का सेल्फी सेंसर दिया है, लेकिन कम रोशनी में इसकी परफॉर्मेंस बेहद ही खराब थी। स्क्रीन फ्लैश अच्छा विकल्प है, लेकिन यह एलईडी फ्लैश की जगह नहीं ले सकता। खासकर ग्रुप की सेल्फी लेते वक्त।
3) काश कनेक्टिविटी फ़ीचर और होते
रिव्यू के दौरान हमें लगा कि इस हैंडसेट में एनएफसी, वाई-फाई एसी और वीओएलटीई कनेक्टिविटी फ़ीचर होते तो बेहतर होता।