हमने आपके लिए 15,000 रुपये से कम दाम में मिलने वाले चुनिंदा स्मार्टफोन की सूची तैयार की है। इन हैंडसेट के कैमरे अच्छे हैं। ध्यान रहे कि हमने इस लिस्ट उन्हीं स्मार्टफोन को शामिल किया है जिन्हें हमने रिव्यू किया है। इसके अलावा हाल ही में लॉन्च किए गए हैंडसेट पर ही हमारा जोर रहा है।
15,000 रुपये के अंदर मिलने वाले बेहतरीन कैमरा फोन
आसुस ज़ेनफोन 2 लेज़र
आसुस ज़ेनफोन 2 लेज़र में 13 मेगापिक्सल के रियर कैमरे के साथ डुअल-टोन फ्लैश और लेज़र मौजूद है। हैंडसेट में 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा भी है। कागज़ी तौर पर देखा जाए तो स्मार्टफोन के बाकी स्पेसिफिकेशन की तुलना में कैमरा बहुत आगे है। इस तरह का कैमरा सेटअप हमें हाई-एंड डिवाइस में देखने को मिलता है।
उपयुक्त रोशनी और इंडोर सेटिंग में कैमरे की परफॉर्मेंस अच्छी है। हालांकि, डेलाइट में यह वाश्ड आउट इमेज देता है। इसे बहुत हद तक एचडीआर मोड का इस्तेमाल कर या बेहद ही बारीकी से फोकस करके फिक्स किया जा सकता है, लेकिन यह कुछ हद तक परेशान करता ही है। 10,000 रुपये से कम कीमत वाले डिवाइस के लिए फोटो की शार्पनेस और डिटेल उपयुक्त हैं।

एक बात ध्यान रहे कि लेज़र ऑटोफोकस सिस्टम दूर की और खुली जगहों पर तस्वीरों लेने में कम कारगर है। इसकी वजह है छोटा रीसीविंग सेंसर होना। इस कारण से मूविंग ऑब्जेक्ट की तस्वीरें ले पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इतना साफ है कि ज़ेनफोन 2 लेज़र से कम दूरी वाली तस्वीरें लेने के लिए ज्यादा उपयुक्त है।
कम दूरी की तस्वीरों में ज्यादा इंफॉर्मेंशन तेजी से रिकॉर्ड हो जाते हैं। लेज़र ऑटोफोकस सिस्टम तेजी से काम करता है और साथ में ऑब्जेक्ट पर ढंग से फोकस भी। वैसे, इसका लेज़र सिस्टम आमतौर पर आने वाले ऑटोफोकस सिस्टम से थोड़ा ही तेज है।
कैमरा ऐप को यूज़ करना बेहद ही आसान है। आपको इसमें कई विकल्प मिलते हैं। ज्यादातर अहम सेटिंग्स तक पहुंचना बेहद ही सरल है। इसमें कई शानदार फिल्टर और मोड मौजूद हैं जिनमें टाइम लैप्स, डेप्थ ऑफ फिल्ड और जिफ इमेज शामिल हैं। मैनुअल मोड में कई प्रोफेशनल ऑप्शन हैं। इस स्मार्टफोन को 9,999 रुपये में लॉन्च किया गया था।
इनफोकस एम530
इनफोकस एम530 का रियर कैमरा 15 मेगापिक्सल के सेंसर से लैस है। इसके साथ डुअल फ्लैश और ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन मौजूद है। हमने कैमरा टेस्ट के दौरान पाया कि हैंडसेट सामान्य और कम रोशनी में ठीक-ठाक तस्वीरें लेता है। इस दौरान यह डिटेल और रंग को कैपचर करने में सफल रहा। हालांकि, हैंडसेट में ओवर-सेचुरेशन की समस्या देखने को मिली। गौर करने वाली बात है कि यह समस्या इस रेंज के अन्य कैमरा फोन के साथ भी है।

इनफोकस एम530 की एक और खासियत यह है कि इसमें 13 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा भी है। इसके साथ एक सॉफ्ट फ्लैश भी मौजूद है जिसकी मदद से यूज़र कम रोशनी में अच्छी सेल्फी ले सकते हैं।
रिव्यू के दौरान हमने पाया कि इनफोकस 530 के कैमरा ऐप को अच्छी तरह से डिजाइन किया गया है। और इसे इस्तेमाल करना भी आसान है। इसका ऑटोफोकस फ़ीचर तेज और सटीक है। इस स्मार्टफोन को 10,999 रुपये में लॉन्च किया गया था।
ज़ोलो ब्लैक
ज़ोलो ब्लैक के रियर पैनल पर डुअल-कैमरा सेटअप देखने को मिलता है। रियर पैनल 13 मेगापिक्सल के प्राइमरी कैमरे साथ 2 मेगापिक्सल का सेकेंडरी सेंसर भी दिया गया है। यह सेटअप ऑटोफोकस की स्पीड बढ़ाता है और फोटो के अलग-अलग हिस्सों पर रीफोकस करने का ऑप्शन देता है। एचटीसी वन एम8 डिवाइस में भी यही डुअल-कैमरा फीचर मौजूद था। डिवाइस तेजी से ऑटोफोकस तो करता है, पर बहुत ज्यादा नहीं। रीफोकस फीचर भी ठीक-ठाक काम करता है, पर इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं। ऑप्टिज़ूम और क्रोमाफ्लैश फ़ीचर का जिक्र जरूरी है। ऑप्टिज़ूम का काम तस्वीरों की ज़ूम क्वालिटी इम्प्रूव करना है, पर यह उतना कारगर नहीं। क्रोमाफ्लैश की ज़रूरत लगातार दो तस्वीरें खींचने में होती है, एक फ्लैश के साथ और दूसरे उसके बिना। इसके बाद सॉफ्टवेयर इन फ्रेम्स को कंबाइन करके एक सिंगल इमेज क्रिएट करता है, जिस पर फ्लैश का इफैक्ट कम है और रिजल्ट इमेज ज्यादा रियल भी। इसकी परफॉर्मेंस ने हमें खुश किया।

शार्प, डिटेल और वाइब्रेंट तस्वीर लेने में कैमरा ठीक काम करता है, पर व्हाइट कलर ज्यादा ब्राइट नज़र आते हैं। 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा स्टेंडर्ड काम करता है और इसमें अपना फ्लैश भी मौजूद है। सेल्फी लवर्स इस फ़ीचर को पसंद करेंगे, क्योंकि कम रौशनी में यह फ्लैश बेहतर सेल्फी लेने में मदद करेगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि रेगुलर फोटो खींचने का शौक रखने वाले ज़ोलो ब्लैक के कैमरे से खुश होंगे।
कैमरा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना आसान है और इसमें वे सारे फीचर व मोड मौजूद हैं जिसकी उम्मीद आप एक स्मार्टफोन से करते हैं। कैमरे के लिए दो ऐप दिए गए हैं, एक तो सामान्य मोड वाला, जिसमें कई फिल्टर मौजूद है। दूसरा, डुअल कैमरा ऐप जो 2 मेगापिक्सल के सेकेंडरी कैमरा का भी साथ में इस्तेमाल करता है। इन दोनों ऐप को अपनी ज़रूरत के हिसाब से इस्तेमाल करने के दौरान हम थोड़ा कनफ्यूज हो गए। उम्मीद है कि अगले वर्ज़न में यह कमी दूर कर दी जाएगी।
यू यूरेका प्लस
यूरेका से यूरेका प्लस में दूसरा बड़ा बदलाव कैमरा सेंसर का है। यूरेका में पुराने सोनी आईएमएक्स135 सेंसर का इस्तेमाल किया गया था, जबकि यूरेका प्लस में नए आईएमएक्स214 सेंसर का। वैसे, दोनों ही डिवाइस में 13 मेगापिक्सल के सेंसर हैं, लेकिन आईएमएक्स214 की बदौलत बेहतर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की उम्मीद की जा सकती है। इसमें एचडीआर फोटो और वीडियो के लिए सपोर्ट भी शामिल है।

यूरेका प्लस का कैमरा अच्छा है। यह डिटेल्ड और शार्प तस्वीरें लेता है। कलर्स काफी वाइब्रेंट हैं। तस्वीरों में कमी निकालने के लिए आपको डेस्कटॉप पर उसे ज़ूम करके देखना पड़ेगा। हालांकि, कम रोशनी में तस्वीरों की क्वालिटी में कमी साफ झलकती है। इमेज के डार्क ज़ोन ज्यादा धुंधले नज़र आते हैं। एचडीआर मोड के रिजल्ट बेहतरीन थे। हमने आम तौर पर एचडीआर मोड में शूट करना पसंद किया क्योंकि इसका असर बहुत सूक्ष्म था पर यह आंखों का साफ नज़र आता था।
हमने आपके लिए एक और हैंडसेट चुना है जिसके आपको थोड़ा और खर्चना होगा।
लेनेवो वाइब एस1
लेनेवो वाइब एस1 में 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है। इसके साथ डुअल-टोन एलईडी फ्लैश है। यह डुअल फ्रंट कैमरा सेटअप के साथ आता है। फ्रंट पैनल पर प्राइमरी कैमरा 8 मेगापिक्सल का है और सेकेंडरी 2 मेगापिक्सल का।
हमने कैमरा ऐप को अच्छा पाया। यूज़र के तौर पर आपको एक ही जगह पर कई फ़ीचर मिलते हैं और उनके कंट्रोल भी। लेनेवो बाइब एस1 में डुअल कैमरा इफेक्ट बहुत ही साधारण थे, लेकिन रोचक।

आप फ्रंट कैमरे से ली गई तस्वीर के बैकग्राउंड में किसी और तस्वीर को सुपरइम्पोज कर सकते हैं। इसकी मदद से आप कई रोचक सेल्फी तैयार कर सकते हैं। यह डिवाइस सेल्फी के दीवानों के लिए बेहद ही खास है। 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा भी अच्छी परफॉर्मेंस देता है। इससे शार्प और क्रिस्प तस्वीरें ले सकते हैं, चाहे रोशनी की स्थिति कैसी भी हो। लेनेवो वाइब एस1 को 15,999 रुपये में लॉन्च किया गया था।