दोनों ही स्मार्टफोन मेटल यूनीबॉडी वाले हैं। इनमें दो रियर कैमरे हैं। दोनों ही फोन के पिछले हिस्से पर कैमरे का उभार है, लेकिन मोटो जी5एस प्लस का उभार साफ नज़र आता है। दोनों फोन का डिज़ाइन एक जैसा है। घुमावदार किनारे के अलावा एंटीना बैंट को टॉप व निचले हिस्से पर जगह मिली है।
फिंगरप्रिंट सेंसर दोनों फोन में अलग-अलग स्थान पर हैं। शाओमी मी ए1 में स्कैनर पिछले हिस्से पर है और मोटो जी5एस प्लस में डिस्प्ले के ठीक नीचे। मोटोरोला हैंडसेट ज़्यादा मोटा है। इसकी मोटाई 9.5 मिलीमीटर है जबकि थोड़ी बड़ी बैटरी वाले शाओमी मी ए1 की मोटाई 7.3 मिलीमीटर है।
विजेता: शाओमी मी ए1
शाओमी मी ए1 बनाम मोटो जी5एस प्लस स्पेसिफिकेशन
इस विभाग में किसी एक को चुन पाना हमारे लिए मुश्किल है। दोनों ही फोन में 5.5 इंच के फुल-एचडी डिस्प्ले हैं। लेकिन हमने पाया कि मोटो जी5एस प्लस में दिया गया गया पैनल शाओमी मी ए1 से बेहतर है। अगर आप अपने फोन पर बहुत ज़्यादा कंटेंट देखते हैं तो मोटो डिवाइस बेहतर लगेगा।
विजेता: मोटो जी5एस प्लस
दोनों ही फोन में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 625 प्रोसेसर, 4 जीबी रैम और 64 जीबी की इनबिल्ट स्टोरेज है। दोनों में हाइब्रिड सिम स्लॉट भी हैं, यानी स्टोरेज बढ़ाने के लिए आपको दूसरे सिम कार्ड का मोह छोड़ना होगा।
हालांकि, परफॉर्मेंस के मामले में दोनों में खासा अंतर है। हमने पाया कि मोटो जी5एस प्लस थोड़ा ज़्यादा गर्म हो जाता है जबकि शाओमी मी ए1 के बेंचमार्क स्कोर ज़्यादा बेहतर हैं। दोनों ही फोन फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करते हैं। लेकिन शाओमी मी ए1 में आपको यूएसबी टाइप सी पोर्ट मिलेगा जबकि मोटो जी5एस प्लस में पुराने स्टाइल वाला माइक्रोयूएसबी पोर्ट है। मी ए1 में आपको आईआर एमिटर भी मिलता है जिससे आप घरेलू इलेक्ट्रॉनिक आइटम को नियंत्रित कर सकते हैं। दमदार परफॉर्मेंस, बेहतर थर्मल मैनेजमेंट और आईआर ब्लास्टर के दम पर शाओमी मी ए1 इस सेगमेंट आगे निकल जाता है।
विजेता: शाओमी मी ए1
सॉफ्टवेयर की बात करें तो दोनों ही एंड्रॉयड नूगा पर चलते हैं और कस्टमाइज़ेशन भी बहुत ज़्यादा नहीं है। मी ए1 थोड़ा बेहतर है, क्योंकि यह एंड्रॉयड वन डिवाइस है। यानी सॉफ्टवेयर अपडेट की गारंटी है। दूसरी तरफ, मोटो जी5एस प्लस को लेकर ऐसा कोई दावा नहीं किया गया है।
विजेता: शाओमी मी ए1
हमारे टेस्ट में मोटो जी5एस प्लस ने ज़्यादा बेहतर बैटरी लाइफ दर्ज कराई। इसकी बैटरी वीडियो प्लेबैक में 11 घंटे 15 मिनट तक चली। वहीं, शाओमी मी ए1 की बैटरी 10 घंटे 18 मिनट तक। प्रतीत होता है कि मोटो जी5एस प्लस में ज़्यादा बेहतर पावर मैनेजमेंट है।
विजेताः मोटो जी5एस प्लस
शाओमी मी ए1 बनाम मोटो जी5एस प्लस कैमरा
दोनों ही फोन के डुअल कैमरा सेटअप के काम करने का तरीका थोड़ा अलग है। Moto G5S Plus में एक 13 मेगापिक्सल का आरजीबी सेंसर है और दूसरा 13 मेगापिक्सल का मोनोक्रोम सेंसर। वहीं, शाओमी मी ए1 में दो 12 मेगापिक्सल के दो सेंसर हैं। एक स्टेंडर्ड लेंस है और दूसरा टेलीफोटो लेंस। मी ए1 के कैमरे को इस्तेमाल करना आसान है और हम इससे दिन की रोशनी में बेहतर तस्वीरें ले सके। लेकिन बहुत ज़्यादा कॉन्ट्रास्ट वाली परिस्थितियो में एक्सपोज़र को लेकर कुछ शिकायत थी। फोन में दिया गया पोर्ट्रेट मोड मोटो जी5एस प्लस के डेप्थ मोड की तुलना में बेहतर तस्वीरें लेता है। कम रोशनी वाली फोटोग्राफी में मोटो जी5एस प्लस आगे निकल जाता है। हालांकि, सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद शाओमी मी ए1 की परफॉर्मेंस भी पहले की तुलना में बेहतर हुई है। टेलीफोटो लेंस के कारण यह फोन ज्यादा विविध है, क्योंकि आप इसकी मदद से दूर के सब्जेक्ट की तस्वीरें ले सकते हैं। कुल मिलाकर कैमरा सेगमेंट में शाओमी मी ए1, मोटो जी5एस प्लस की तुलना में ज़्यादा भरोसेमंद लगता है।
विजेता: शाओमी मी ए1
वैसे तो दोनों ही फोन में कई समानताएं हैं। लेकिन हम कहेंगे कि शाओमी मी ए1, मोटो जी5एस प्लस से थोड़ा बेहतर है। यह बहुत ज़्यादा गर्म नहीं होता और सॉफ्टवेयर अपडेट की गारंटी भी है। ज़्यादातर परिस्थितियों में भी कैमरा परफॉर्मेंस भी बेहतर है। हालांकि, कम रोशनी में मोटो जी5एस प्लस आगे निकल जाता है।
अगर आप हैंडसेट खरीदने में कामयाब होते हैं शाओमी मी ए1 पूरी तरह से पैसा वसूल हैंडसेट है। अगर इसे खरीदने में सफल नहीं हो पा रहे हैं तो मोटो जी5एस प्लस भी घाटे का सौदा नहीं है।